Sunday 4 March 2012

जनकवि कुंवर कन्हैया की कविता : 4


जनकवि कुंवर कन्हैया की कविता : 3


जनकवि कुंवर कन्हैया की कविता : 2


जनकवि कुंवर कन्हैया की कविता : 1


बेगुसराय जनपद के जनकवि कुंवर कन्हैया का जनगीत :2


खुदरा बाज़ार क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति दरअसल  नव आर्थिक साम्राज्यवाद के लिए अंतिम रोक हटा लेना ही है .भले ही बढ़िया - बढ़िया शब्दों का इस्तेमाल कर जो लफ्फाजी कर ली जाये .
खुदरा बाज़ार क्षेत्र में विदेशी निवेश के दुश्चक्र को व्याख्यित करता जनकवि कुंवर कन्हैया का यह जनगीत अपने अंदाजे बयाँ में बेजोड़ है .आईये ! सुनें ... 

Friday 2 March 2012

बेगुसराय जनपद के जनकवि कुंवर कन्हैया का जनगीत :

बेगुसराय जनपद के जनकवि कुंवर कन्हैया उस वक्त रौ में थे .वर्तमान व्यवस्था के टुच्चेपन पर बौखलाए - गुस्साए से . इधर बिजली गायब .संसाधन के तौर पर हमारे पास मोबाईल - बस .पर कन्हैया जी के काव्य - पाठ को सुरक्षित करने में हम कामयाब रहे .